आदिवासी इलाकों की पहचान खनन से नहीं, बल्कि वहां के प्रतिभाशाली लोगों से होनी चाहिए- उपराष्ट्रपति
मध्यप्रदेश। बालाघाट एंव छत्तीसगढ़ के आदिवासी छात्र-छात्राओं ने संसद भ्रमण किया और उपराष्ट्रपति निवास पर भारत के उपराष्ट्रपति से मुलाकात की एंव कहाँ की आदिवासी इलाकों की पहचान खनन से नहीं, बल्कि वहां के प्रतिभाशाली लोगों से होनी चाहिए।
आदिवासी हमारे देश की शान हैं- उपराष्ट्रपति
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश से आये आदिवासी छात्र-छात्राओं से उपराष्ट्रपति निवास पर मुलाकात करते हुए श्री धनखड़ ने कहा मैं आपको यही कहूंगा कि आप इस देश के मालिक हैं। आप जमीन से जितना जुड़े हुए हैं, और कोई नहीं जुड़ा हुआ है। उपराष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 2024 की शुरुआत मेरे लिए राज्यसभा परिवार के लिए और उपराष्ट्रपति के परिवार के लिए बहुत ही सौभाग्यशाली रहेगी, क्योंकि आपके कदम यहां पड़ चुके हैं। जनजाति की महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति हैं और आज जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, सबसे जीवंत लोकतंत्र है, अप्रत्याशित प्रगति की ओर चल रहा है।
जनजाति की ताकत और प्रतिभा को समझना है तो राष्ट्रपति भवन चले जाइए- उपराष्ट्रपति
भेट उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत बदल गया है, और यही कारण है कि भारत के तीन सर्वोच्च पद- नंबर एक पर एक ट्राइबल महिला हैं, नंबर दो पर किसान पुत्र है और नंबर तीन पर है अन्य पिछड़ा वर्ग से और दुनिया में क्रांति भारत की वजह से आ रही है।
आज भारत अमृत काल में है और दुनिया हमारी प्रगति को देखकर आश्चर्यचकित है- श्री धनखड़
श्री धनखड़ ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है जो हमें प्रेरणा देता है और दुनिया को पता लग गया है कि वह कौन हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत अमृत काल में है और दुनिया हमारी प्रगति को देखकर आश्चर्यचकित है। आदिवासी हमारे देश की शान हैं। 2047 में जब भारत आजादी के 100 साल का पर्व मनायेगा, उसके कर्णधार आप हैं, उसके योद्धा आप हैं। आपके सबल कंधों पर ही विकसित भारत का निर्माण होगा।